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    *धान खरीदी से पहले सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ का अल्टीमेटम — 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी*

    धान खरीदी से पहले सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ का अल्टीमेटम — 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी

    बिलासपुर।

    जिले में धान खरीदी के आगामी सीज़न से ठीक पहले छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है। महासंघ ने घोषणा की है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो 28 अक्टूबर 2025 से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।

     

    महासंघ ने कहा है कि यदि खाद, धान खरीदी एवं अन्य समितियों के कर्मचारियों के लिए समान नीति लागू नहीं की जाती है, तो प्रदेश की 2739 समितियों के लगभग 15,000 कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इससे किसानों से धान खरीदी का काम ठप हो सकता है।

     

     

    मुख्य मांगें और आंदोलन की रणनीति

     

    कर्मचारी महासंघ ने 10 अक्टूबर 2025 को शासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा था, जिस पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं —

    1. दो स्तरीय वेतनमान लागू करना

     

    वर्ष 2023-24 और 2024-25 में धान परिवहन से हुई सुरक्षित मुख्य राशि समिति को देने पर सहमति बनी थी।

     

    वर्ष 2024-25 में द्वितीय 11.10 परिवहन सुरक्षित राशि समिति को देने के बाद इसे लागू करने की लिखित पुष्टि करना।

     

    18 वर्ष की निरंतर सेवा देने वाले कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतनमान व महंगाई भत्ता देना।

     

    समिति कर्मचारियों को प्रशासनिक अधिकारियों की तरह ₹3000 दैनिक यात्रा भत्ता (T.A.) सुविधा प्रदान करना।

     

     

     

     

    2. खरीद नीति (दो स्तरीय लॉयल्टी बोनस)

     

    धान खरीदी के आउटसोर्सिंग कार्य को समाप्त कर यह कार्य समिति के कंप्यूटर ऑपरेटरों से ही करवाने का निर्णय लागू करना।

     

    वर्ष 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को ₹1 लाख का लॉयल्टी बोनस देना।

     

     

     

     

    3. अन्य प्रमुख मांगें

     

    वर्ष 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों को प्राथमिक/माध्यमिक/अग्रिम शाख समितियों में रिक्त 60 प्रतिशत पदों पर समायोजित करना।

     

    कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की सुविधा देना।

     

     

     

     

    आंदोलन का विस्तृत कार्यक्रम

     

    मांगें पूरी न होने पर महासंघ ने क्रमिक विरोध प्रदर्शन और हड़ताल की विस्तृत रणनीति तय की है —

     

    दिनांक कार्यक्रम

     

    24/10/2025 जिला स्तर पर ज्ञापन सौंपना और मीडिया को जानकारी देना।

    28/10/2025 संभाग स्तर पर ज्ञापन के माध्यम से संबंधित मंत्रियों को ज्ञापन सौंपना।

    03/11/2025 से 11/11/2025 एक सप्ताह का क्रमिक कार्य बहिष्कार (आंशिक कार्य ठप)।

    04/11/2025 से (मांग पूरी न होने तक) लगातार (अनिश्चितकालीन) कार्य बहिष्कार की शुरुआत।

     

     

     

     

    महासंघ का रुख सख्त — मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा

     

    महासंघ के अध्यक्ष प्रेमसाय साहू और संरक्षक राम सागर दुबे ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें, विशेषकर द्वितीय स्तरीय वेतनमान और लॉयल्टी बोनस की मांगें कैबिनेट निर्णय द्वारा पूरी नहीं की जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

     

     

     

    धान खरीदी पर संभावित गहरा संकट

     

    छत्तीसगढ़ में 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाता है, जिसमें लगभग 15,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। यदि ये कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाते हैं, तो किसानों से धान खरीदी का पूरा कार्य प्रभावित होगा।

    इससे राज्य के लाखों किसानों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।

     

    महासंघ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करें और समय रहते कर्मचारियों की मांगें पूरी कर शांतिपूर्ण धान खरीदी प्रक्रिया सुनिश्चित करें।

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    धान खरीदी से पहले सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ का अल्टीमेटम — 3 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी बिलासपुर। जिले में धान खरीदी के आगामी सीज़न से ठीक पहले छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है। महासंघ ने घोषणा की है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो 28 अक्टूबर 2025 से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।   महासंघ ने कहा है कि यदि खाद, धान खरीदी एवं अन्य समितियों के कर्मचारियों के लिए समान नीति लागू नहीं की जाती है, तो प्रदेश की 2739 समितियों के लगभग 15,000 कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इससे किसानों से धान खरीदी का काम ठप हो सकता है।   ---   मुख्य मांगें और आंदोलन की रणनीति   कर्मचारी महासंघ ने 10 अक्टूबर 2025 को शासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा था, जिस पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं — 1. दो स्तरीय वेतनमान लागू करना   वर्ष 2023-24 और 2024-25 में धान परिवहन से हुई सुरक्षित मुख्य राशि समिति को देने पर सहमति बनी थी।   वर्ष 2024-25 में द्वितीय 11.10 परिवहन सुरक्षित राशि समिति को देने के बाद इसे लागू करने की लिखित पुष्टि करना।   18 वर्ष की निरंतर सेवा देने वाले कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतनमान व महंगाई भत्ता देना।   समिति कर्मचारियों को प्रशासनिक अधिकारियों की तरह ₹3000 दैनिक यात्रा भत्ता (T.A.) सुविधा प्रदान करना।       ---   2. खरीद नीति (दो स्तरीय लॉयल्टी बोनस)   धान खरीदी के आउटसोर्सिंग कार्य को समाप्त कर यह कार्य समिति के कंप्यूटर ऑपरेटरों से ही करवाने का निर्णय लागू करना।   वर्ष 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को ₹1 लाख का लॉयल्टी बोनस देना।       ---   3. अन्य प्रमुख मांगें   वर्ष 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों को प्राथमिक/माध्यमिक/अग्रिम शाख समितियों में रिक्त 60 प्रतिशत पदों पर समायोजित करना।   कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की सुविधा देना।       ---   आंदोलन का विस्तृत कार्यक्रम   मांगें पूरी न होने पर महासंघ ने क्रमिक विरोध प्रदर्शन और हड़ताल की विस्तृत रणनीति तय की है —   दिनांक कार्यक्रम   24/10/2025 जिला स्तर पर ज्ञापन सौंपना और मीडिया को जानकारी देना। 28/10/2025 संभाग स्तर पर ज्ञापन के माध्यम से संबंधित मंत्रियों को ज्ञापन सौंपना। 03/11/2025 से 11/11/2025 एक सप्ताह का क्रमिक कार्य बहिष्कार (आंशिक कार्य ठप)। 04/11/2025 से (मांग पूरी न होने तक) लगातार (अनिश्चितकालीन) कार्य बहिष्कार की शुरुआत।       ---   महासंघ का रुख सख्त — मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा   महासंघ के अध्यक्ष प्रेमसाय साहू और संरक्षक राम सागर दुबे ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें, विशेषकर द्वितीय स्तरीय वेतनमान और लॉयल्टी बोनस की मांगें कैबिनेट निर्णय द्वारा पूरी नहीं की जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।     ---   धान खरीदी पर संभावित गहरा संकट   छत्तीसगढ़ में 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाता है, जिसमें लगभग 15,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। यदि ये कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाते हैं, तो किसानों से धान खरीदी का पूरा कार्य प्रभावित होगा। इससे राज्य के लाखों किसानों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।   महासंघ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करें और समय रहते कर्मचारियों की मांगें पूरी कर शांतिपूर्ण धान खरीदी प्रक्रिया सुनिश्चित करें।