पत्रकार परिवार ने याद किए अपने सच्चे साथी — बिलासपुर प्रेस क्लब में दिवंगत पत्रकारों और परिजनों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
शोक सभा में छलक आए भाव, संवेदनाओं से भरा माहौल, साथी पत्रकारों ने कहा — “आपकी कमी हमेशा खलेगी”

बिलासपुर।
शब्दों में व्यक्त करना कठिन था वह भाव, जब बिलासपुर प्रेस क्लब परिवार सोमवार को अपने दिवंगत साथियों और उनके परिजनों की स्मृति में एकत्र हुआ। ईदगाह ट्रस्ट भवन में आयोजित इस श्रद्धांजलि शोक सभा में माहौल गमगीन था, लेकिन हर चेहरे पर अपने साथी के प्रति गहरा स्नेह और सम्मान दिखाई दे रहा था।

कार्यक्रम की शुरुआत मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना से हुई। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित पत्रकारों ने कहा कि “पत्रकारिता केवल पेशा नहीं, एक परिवार है — जहाँ दुख और सुख सबका साझा होता है। जब कोई साथी या उनका परिवार हमसे बिछुड़ता है, तो यह केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे मीडिया जगत की क्षति होती है।”

इस अवसर पर प्रेस क्लब परिवार ने निम्न दिवंगत आत्माओं को श्रद्धासुमन अर्पित किए —
स्व. श्रीमती शकुंतला गुप्ता — (नईदुनिया संपादक सुनील गुप्ता की माताजी)
स्व. प्रमोद शर्मा — (वरिष्ठ पत्रकार, नवभारत बिलासपुर)
स्व. के.पी. मिश्रा — (वरिष्ठ पत्रकार विनय मिश्रा के पिताजी)
स्व. वीरेंद्र शर्मा — (वरिष्ठ पत्रकार, हरिभूमि)
स्व. श्रीमती आशा लता श्रीवास्तव — (प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष स्व. रामगोपाल श्रीवास्तव की धर्मपत्नी)
स्व. श्रीमती रेखा सोनी — (वरिष्ठ फोटोग्राफर पवन सोनी की धर्मपत्नी)
सभा में मौजूद सदस्यों ने एक स्वर में कहा — “आप सभी ने जो मूल्य, सादगी, संघर्ष और सच्चाई की मिसाल छोड़ी है, वह हमेशा पत्रकारिता की दिशा दिखाती रहेगी।”
इस मौके पर प्रेस क्लब अध्यक्ष दिलीप यादव, उपाध्यक्ष गोपीनाथ डे, सचिव संदीप करिहार, कोषाध्यक्ष लोकेश वाघमारे, सह सचिव रमेश राजपूत, कार्यकारिणी सदस्य कैलाश यादव, पूर्व अध्यक्ष इरशाद अली, कमलेश शर्मा, तिलकराज सलूजा, गणेश विश्वकर्मा, रवि शुक्ला, अखलाक खान, जेपी अग्रवाल, मनीष शर्मा, रमन दुबे, शैलेन्द्र पाठक, संतोष मिश्रा, राजा खान, विनय मिश्रा, श्याम पाठक, आशीष साहू, मनोज राज, उमेश सिंह ठाकुर, राकेश साहू, संजीव सिंह रमा धीमान, भारती यादव, प्रियंका ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पत्रकार सदस्यगण मौजूद रहे।
सभा में स्व. वीरेंद्र शर्मा के पुत्र पार्थ शर्मा और पुत्री सहित परिजन भी उपस्थित थे। सभी ने अपने प्रियजनों की याद में भावुक होकर कहा कि — “यह लोग अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी मेहनत, सादगी और मानवीयता की पहचान हमेशा जीवित रहेगी।”
“आप चले गए, लेकिन आपकी यादें और प्रेरणा सदा हमारे साथ रहेंगी…”
