*चिल-आउट विद चैरिटी: ‘परिवर्तन’ की समर पार्टी में महिलाओं ने पाया सुकून और सॉलिड एंटरटेनमेंट*

बिलासपुर। समाजसेवी संस्था “परिवर्तन – एक आशा की किरण” के तत्वावधान में आयोजित समर पार्टी में महिलाओं ने गर्मी को किया गुडबाय और मस्ती का किया भरपूर स्वागत। यह आयोजन प्रीति ठक्कर और किरण पाठक की पहल पर हुआ, जिनका उद्देश्य था – तेज गर्मी और व्यस्त दिनचर्या से थकी महिलाओं को एक खुशनुमा, तनावमुक्त और ऊर्जा से भरपूर वातावरण प्रदान करना।
गर्मियों की तपिश के बीच जब तापमान चरम पर था, उस समय आयोजित इस पार्टी ने महिलाओं को ठंडक और ताजगी के साथ मनोरंजन का खास अवसर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत खास स्वागत से हुई, जहां हर मेहमान का गर्मजोशी से अभिनंदन किया गया।

गर्मजोशी भरे गेम्स और सरप्राइज विनर्स कार्यक्रम में सबसे पहले पंक्चुअलिटी विनर गेम रखा गया, जिसमें समय पर पहुंचने के लिए स्वाति शर्मा, शैली क्षत्रिय और मंजू जिमनानी को पुरस्कार मिला। इसके बाद शुरू हुआ धमाल का सिलसिला – म्यूजिकल चेयर, ऐप एडवेंचर गेम, समर स्पेशल हाउजी जैसे दिलचस्प गेम्स ने सभी को खूब हँसाया और जोश से भर दिया।
विजेता रहीं ये उत्साही महिलाएं:
आकांक्षा भट्ट, बिना जोशी, ज्योति ठक्कर, अल्पा ठक्कर, सरोज गुप्ता, शीला सिंह, कविता भट्ट, अमिता ठक्कर, दीपा सिंह, छाया ठकराल, रानी केसरवानी, संगीता भदौरिया, संध्या मोदी और रीटा गुप्ता – इन सभी ने विभिन्न खेलों में जीत दर्ज की और सम्मान प्राप्त किया।
कॉमेडी ड्रामा बना आकर्षण का केंद्र
पार्टी के दौरान प्रस्तुत कॉमेडी ड्रामा ने खूब तालियां बटोरी। इसे ज्योति ठक्कर, शैली क्षत्रिय, बिना जोशी और साधना टांक ने पेश किया। उनकी प्रस्तुति ने सभी को हँसी से लोटपोट कर दिया।
नाच, गाना और स्वाद से सजा समर डे
महिलाओं ने डांस, मस्ती और धमाल के साथ कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति को यादगार बनाया। इसके साथ ही स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया और ठंडे पेय पदार्थों से गर्मी को मात दी।
टीम वर्क से बनी बात
इस आयोजन की सफलता में चित्रा पांडे, तनु मिश्रा और रानी सिंह का विशेष सहयोग रहा। शाम होते-होते, सभी ने एक-दूसरे को अलविदा कहा और चेहरे पर मुस्कान और दिल में सुकून लिए लौटे।
नारी सशक्तिकरण की मिसाल बनी समर पार्टी
‘परिवर्तन’ की यह पहल सिर्फ एक समर पार्टी नहीं थी, बल्कि महिलाओं को एकजुटता, आत्मसंतुष्टि और मानसिक सुकून देने वाला प्रयास था। प्रीति ठक्कर और किरण पाठक की यह सोच महिलाओं को सामाजिक दायरे में खुशी और सम्मान दिलाने की दिशा में एक प्रेरणास्पद कदम कही जा सकती है।
