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    *बिलासपुर में बेखौफ शराब माफिया, रायपुर से आई टीम ने पकड़ा बड़ा जखीरा — स्थानीय आबकारी विभाग की नाकामी उजागर*”

    बिलासपुर में बेखौफ शराब माफिया, रायपुर से आई टीम ने पकड़ा बड़ा जखीरा — स्थानीय आबकारी विभाग की नाकामी उजागर”

    बिलासपुर..रविवार को बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में रायपुर से पहुंची सेंट्रल आबकारी टीम ने बड़ी मात्रा में अवैध कच्ची शराब और लहान बरामद किया। इस कार्रवाई ने बिलासपुर आबकारी विभाग की निष्क्रियता और उदासीनता की पोल खोल दी है।

     

    स्थानीय स्तर पर लंबे समय से चल रहे इस अवैध कारोबार की जानकारी न होना या जानबूझकर अनदेखी करना, दोनों ही स्थितियां विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। ग्रामीणों की माने तो यहां कच्ची शराब का कारोबार वर्षों से राजनीतिक संरक्षण और विभागीय मिलीभगत के चलते फल-फूल रहा है।

     

    चौंकाने वाली बात यह रही कि जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर खुलेआम शराब बनाई और बेची जा रही थी, लेकिन स्थानीय आबकारी अमला पूरी तरह से निष्क्रिय बना रहा। जब शिकायत ऊपर तक पहुंची, तब जाकर रायपुर की टीम को हस्तक्षेप करना पड़ा और अवैध शराब के अड्डों पर छापा मारकर सैकड़ों लीटर महुआ और लहान नष्ट किया गया।

     

    इस कार्रवाई ने न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही उजागर की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि स्थानीय विभाग की आंखों के सामने यह सब होता रहा और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब सवाल ये उठता है कि क्या ये महज लापरवाही है या किसी गहरी सांठगांठ का हिस्सा?

     

     

     

     

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    बिलासपुर में बेखौफ शराब माफिया, रायपुर से आई टीम ने पकड़ा बड़ा जखीरा — स्थानीय आबकारी विभाग की नाकामी उजागर" बिलासपुर..रविवार को बिलासपुर के चकरभाठा क्षेत्र में रायपुर से पहुंची सेंट्रल आबकारी टीम ने बड़ी मात्रा में अवैध कच्ची शराब और लहान बरामद किया। इस कार्रवाई ने बिलासपुर आबकारी विभाग की निष्क्रियता और उदासीनता की पोल खोल दी है।   स्थानीय स्तर पर लंबे समय से चल रहे इस अवैध कारोबार की जानकारी न होना या जानबूझकर अनदेखी करना, दोनों ही स्थितियां विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। ग्रामीणों की माने तो यहां कच्ची शराब का कारोबार वर्षों से राजनीतिक संरक्षण और विभागीय मिलीभगत के चलते फल-फूल रहा है।   चौंकाने वाली बात यह रही कि जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर खुलेआम शराब बनाई और बेची जा रही थी, लेकिन स्थानीय आबकारी अमला पूरी तरह से निष्क्रिय बना रहा। जब शिकायत ऊपर तक पहुंची, तब जाकर रायपुर की टीम को हस्तक्षेप करना पड़ा और अवैध शराब के अड्डों पर छापा मारकर सैकड़ों लीटर महुआ और लहान नष्ट किया गया।   इस कार्रवाई ने न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही उजागर की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि स्थानीय विभाग की आंखों के सामने यह सब होता रहा और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब सवाल ये उठता है कि क्या ये महज लापरवाही है या किसी गहरी सांठगांठ का हिस्सा?