सहकारी समिति कर्मचारी और धान खरीदी ऑपरेटरों की हड़ताल 12वें दिन भी जारी, शासन से नहीं बनी सहमति – कर्मचारियों ने प्रेस क्लब में रखी अपनी बात,

विस्तृत खबर:
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ एवं समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ की चार सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार को 12वें दिन भी जारी रही। लगातार 12 दिनों से प्रदेशभर में सहकारी समिति कर्मचारियों और धान खरीदी ऑपरेटरों द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है, लेकिन शासन से अब तक किसी ठोस सहमति के संकेत नहीं मिले हैं।
संभागीय स्तर पर हो रहे धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के बाद भी जब शासन की ओर से ठोस जवाब नहीं मिला, तो गुरुवार को हड़ताली कर्मचारियों ने बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों और 2739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से लगभग 15 हजार कर्मचारी किसानों की सेवा में प्रतिवर्ष जुटे रहते हैं। किसानों के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के सुचारू संचालन में इन कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है, बावजूद इसके उन्हें नियमित वेतन, पदस्थापना सुरक्षा और सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
कर्मचारियों ने अपनी चार प्रमुख मांगें दोहराई —
1. वर्ष 2023-24 और 2024-25 की धान खरीदी में हुई सुखत राशि का भुगतान समितियों को दिलाना।
2. परिवहन पश्चात संपूर्ण सुखत राशि समितियों को प्रदान करना।
3. आउटसोर्सिंग प्रणाली समाप्त कर कंप्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण।
4. मध्यप्रदेश की तर्ज पर 3 लाख रुपये वार्षिक प्रबंधकीय अनुदान एवं वेतनमान प्रदान करना।
महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पूर्व में बैठक हो चुकी है तथा अपर मुख्य सचिव द्वारा इस विषय पर पत्र भी जारी किए गए हैं, लेकिन अब तक इन मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि शासन की उपेक्षा से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला तो वे आगामी दिनों में धान खरीदी कार्य से स्वयं को अलग रखते हुए आंदोलन को और व्यापक करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकलव्य चंद्रा (जिला अध्यक्ष सक्ति), रूद्रदत्त तिवारी (महासचिव बिलासपुर संभाग), भोलाराम यादव (जिला अध्यक्ष मुंगेली), कमलकांत पाटनवार (जिला अध्यक्ष सहकारी समिति बिलासपुर), विद्याशंकर यादव एवं मीनाक्षी यादव (प्रदेश उपाध्यक्ष कंप्यूटर ऑपरेटर संघ) सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि वे शासन से टकराव नहीं, बल्कि न्याय चाहते हैं। उनकी मांगें किसानों के हित से भी जुड़ी हैं, क्योंकि यदि समितियों को समय पर भुगतान और नियमित ढांचा नहीं मिलेगा तो धान खरीदी व्यवस्था प्रभावित होगी। फिलहाल, हड़ताल जारी है और सभी कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष कर रहे हैं।
