आस्था, सेवा और नेतृत्व का संगम — आशीष सिंह ठाकुर तीसरी बार बने सिद्ध शक्तिपीठ महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष

रतनपुर, बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ की आस्था और परंपरा का गौरव सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट रविवार, 10 अगस्त 2025 को अपनी नई कार्यकारिणी के गठन का साक्षी बना। इस ऐतिहासिक बैठक में सर्वसम्मति से आशीष सिंह ठाकुर को तीसरे कार्यकाल के लिए पुनः अध्यक्ष चुना गया। यह निर्णय न केवल उनके उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रमाण है, बल्कि उनकी समर्पित सेवा, पारदर्शी कार्यशैली और मंदिर विकास के लिए किए गए निरंतर प्रयासों की स्वीकृति भी है।
पिछले दो कार्यकालों में आशीष सिंह ठाकुर ने मंदिर ट्रस्ट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का कार्य किया। मंदिर परिसर में सुविधाओं का विस्तार, भक्तों की सुविधा हेतु सुव्यवस्थित प्रबंधन और धार्मिक आयोजनों को भव्यता से संपन्न कराने में उनकी भूमिका अद्वितीय रही है। अध्यक्ष पद पर पुनर्नियुक्ति के बाद उन्होंने सभी ट्रस्ट सदस्यों और भक्तजनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मां महामाया की सेवा उनके जीवन का सर्वोच्च उद्देश्य है और आने वाले वर्षों में मंदिर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए वे निरंतर कार्य करेंगे।
नवगठित कार्यकारिणी
अध्यक्ष — आशीष सिंह ठाकुर
उपाध्यक्ष — सतीश शर्मा, मोती चंद जायसवाल
मैनेंजिंग ट्रस्टी — पुजारी अरुण शर्मा
कोषाध्यक्ष — रितेश जूनेजा
सहसचिव — शैलेन्द्र जायसवाल
ट्रस्टीगण — मनराखन लाल जायसवाल, सुनील सोनथलिया, धर्मेन्द्र चंदेल, अनिल खंडेलवाल, शरद दुबे, संतोष शुक्ला, शक्ति सिंह ठाकुर, विनोद गोरख, राजकुमार खुशलानी, चेतनधर शर्मा, गोपाल गुप्ता एवं कपिल पाण्डेय।
बैठक में यह भी उल्लेखनीय रहा कि माननीय तोखन साहू, केंद्रीय आवासन राज्य मंत्री एवं सांसद बिलासपुर, ने रतनपुर में कारीडोर निर्माण की घोषणा की है, जिसका कार्य शीघ्र प्रारंभ होने जा रहा है। यह परियोजना मंदिर के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक उजागर करेगी तथा श्रद्धालुओं को उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान करेगी।
सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट, जो सदियों से छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, अपनी सेवा और धार्मिक योगदान के लिए पूरे देश में सम्मानित है। आशीष सिंह ठाकुर का पुनः अध्यक्ष बनना यह संदेश देता है कि जब नेतृत्व ईमानदारी, दूरदर्शिता और सेवा-भाव से जुड़ा हो, तो संगठन सफलता के उच्चतम शिखर तक पहुंच सकता है।
