जनता की आवाज बने त्रिलोक श्रीवास: अतिक्रमण, अवैध उत्खनन व शराबबंदी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर जिलाधीश से की निर्णायक भेंट

बिलासपुर |
जनता की समस्याओं को मुखरता से उठाने वाले बिलासपुर जिले के लोकप्रिय कांग्रेस नेता श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास, जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय समन्वयक एवं उत्तर प्रदेश व गुजरात के प्रदेश प्रभारी भी हैं, ने आज अपने दर्जनों सहयोगियों के साथ जिलाधीश श्री संजय अग्रवाल से मुलाकात कर जनहित से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की।
इस प्रतिनिधिमंडल ने बेलतरा क्षेत्र में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, खमतराई क्षेत्र के 500 नागरिकों को जारी नोटिस, और बिरकोना-लिंगियाडीह में टूटे मकानों के प्रभावितों को मुआवजा एवं पुनर्वास की मांग प्रमुखता से रखी। श्री श्रीवास ने साफ कहा कि वे अवैध अतिक्रमण के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन वर्षों से बसे और जीविकोपार्जन कर रहे आमजन को अचानक उजाड़ना अमानवीय है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 120 फीट चौड़ी सड़क आखिर किस उद्देश्य से बनाई जा रही है, और क्या इससे आमजन को नुकसान नहीं होगा? उन्होंने प्रशासन से यह मांग की कि वास्तविक यातायात अवरोधकों—जैसे ठेले वालों—के विरुद्ध ही कार्रवाई की जाए।
श्री श्रीवास ने कोनी क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि बिलासा ताल और कोनी के आसपास खनिज विभाग की निष्क्रियता के कारण अवैध खनन खुलेआम जारी है।
शिक्षा की नगरी कोनी में शराबबंदी की पुरजोर मांग
श्री श्रीवास ने कोनी क्षेत्र, जो एक प्रमुख एजुकेशन हब है, में शराब दुकान नहीं खोलने की पुरानी मांग फिर दोहराई। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में तीन विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, भारत का सबसे बड़ा महिला आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज, और दर्जनों शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं, जहां देशभर से विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते हैं। ऐसी जगहों पर शराब की दुकानें युवा पीढ़ी के भविष्य को प्रभावित कर रही हैं।
उन्होंने चेताया कि यदि प्रशासन इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो क्षेत्रवासी उनके नेतृत्व में जनांदोलन शुरू करेंगे।
नेतृत्व और जनभावना का सशक्त प्रतीक
श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास न केवल पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी हैं, बल्कि जनता की आवाज़ बनकर ज़मीनी मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। उनके साथ प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता शामिल थे जिनमें मोहन जायसवाल, मुकेश अग्रवाल, कौशल श्रीवास्तव, पंडित जितेंद्र शर्मा, सरपंच धूमा, रोहित केवट, शुभम श्रीवास समेत दर्जनों नेता मौजूद थे।
