बिलासपुर । फर्जी डिग्री पर मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डॉ. नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रोडक्शन वारंट के तहत दमोह जिला जेल से गिरफ्तार कर बिलासपुर के लिए निकल चुकी है। कांग्रेस की न्याय यात्रा के पहले ही पुलिस आरोपी डॉ को गिरफ्तार कर बिलासपुर लाने में सफल रही है।

फ़र्ज़ी डॉक्टर और अपोलो अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रही है.=पहली बार इतनी बड़ी कार्यवाही किसी डॉक्टर के साथ साथ अपोलो अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ भी हो रही है।
एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा है कि यह कार्रवाई सिर्फ एक डॉक्टर के खिलाफ नहीं, बल्कि सिस्टम में व्याप्त अव्यस्था और घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक चेतावनी भी है।
एसएसपी के निर्देश पर इस मामले में अपोलो अस्पताल प्रबंधन की भूमिका भी जांच के घेरे में है। लेकिन पुलिस का कहना है कि आरोपी डॉक्टर को नियुक्त करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का रुख साफ है, केवल डॉक्टर ही नहीं, बल्कि इस पूरे षड्यंत्र में शामिल प्रबंधन के हर व्यक्ति को कानून के कठोरतम प्रावधानों के तहत दंडित किया जाएगा।पूर्व विधान सभा अध्यक्ष स्व राजेंद्र प्रसाद शुक्ल दो अगस्त 2006 को अपोलो अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती हुए थे जिनका एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के दौरान मौत हो गया था। उनके पुत्र डॉ प्रदीप शुक्ला द्वारा शिकायत प्रस्तुत किया । गंभीर अपराधिक घटना मानते हुए तत्काल कार्यवाही प्रारंभ कर उक्त मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर, अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं पुलिस अधीक्षक दमोह से रिपोर्ट मंगाया गया एवं पुलिस द्वारा अपने स्तर पर जांच प्रारंभ किया गया और जांच के बिंदु को आरोपी डॉक्टर के डिग्री पर फोकस किया गया, डॉक्टर के अस्पताल में नियुक्ति संबंधी दस्तावेज प्राप्त किया गया। पाया गया कि DM कार्डियोलॉजी का डिग्री फर्जी है एवं छ ग मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं है।आरोपी डॉक्टर को एंजियोप्लास्टी करने का अधिकार ही नहीं था, मामला चिकित्सकीय लापरवाही का न होकर क्रूरतम अपराधिक मानव वध का है। डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम एवं अपोलो प्रबंधन के विरुद्ध थाना सरकंडा में अपराध क्रमांक 563/2025, धारा -420,466,468,471,304,34 भादवि के अंतर्गत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है।
*दमोह जेल से लाया जा रहा बिलासपुर*
आरोपी डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के गिरफ्तारी हेतु मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय दमोह से अनुमति प्राप्त कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय बिलासपुर से आरोपी को बिलासपुर लाने हेतु प्रोडक्शन वारंट के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर लाया जा रहा है। पुलिस द्वारा क्रूरतम अपराधिक मानव वध का मामला मानकर प्रत्येक बिंदु पर वैधानिक पहलुओं का ध्यान रखते हुए कार्यवाही किया जा रहा है। डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के अस्पताल में पदस्थापना अवधि में उपचार किए गए समस्त मरीजों को जांच में शामिल किया गया है। विवेचना के दौरान एक अन्य मरीज स्व भगत राम डॉ डोडेजा की भी मृत्यु होना ज्ञात हुआ है, अतः उनके मौत को भी जांच में शामिल किया गया है। अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार लोगों को कठोरतम दंड दिलाने हेतु कार्यवाही किया जा रहा है, दोषी शीघ्र ही पुलिस गिरफ्त में होंगे।
*पुलिस की कठोर व गंभीर कार्रवाई*
इस पूरे मामले में शहर में एक अलग ही राजनीति चल रही है. सियासत से अलग पुलिस अपना कम बखूबी करते आ रही है. फ़र्ज़ी डॉक्टर और अपोलो अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रही है. पहली बार इतनी कड़ी कार्यवाही किसी डॉक्टर के साथ ही साथ अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ भी हो रही है।
*कानूनी शिकंजे में आ रहे हैं दोषी*
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अपोलो अस्पताल प्रबंधन और पुलिस अधीक्षक दमोह से भी रिपोर्ट तलब की गई है। साथ ही आरोपी की पृष्ठभूमि, डिग्री व अस्पताल में इलाज से संबंधित हर पहलू की वैज्ञानिक एवं तथ्यात्मक साक्ष्य के आधार पर जांच जारी है। पुलिस की मानें तो जल्द ही इस पूरे प्रकरण से जुड़े अन्य दोषी भी कानून की गिरफ्त में होंगे।
*स्व. भगतराम डॉ. डोडेजा की भी मौत की जांच*
बिलासपुर पुलिस इस हाई प्रोफ़ाइल मामले में की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है शायद इसी वजह से पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आरोपी डॉक्टर की नियुक्ति से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की है। आरोपी डॉक्टर के इलाज से जुड़े सभी मरीजों की सूची तैयार की जा रही है जांच में एक और मरीज स्व. भगतराम डॉ. डोडेजा की भी मौत की जांच इसी मामले से जोड़कर की जा रही है।
