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    *क्या दबाव से डरते हैं प्रभारी खाद्य अधिकारी.. कार्रवाई के लिए निरीक्षको के बांधे हाथ.. या फिर एजेंसियों से हो गई थी सेटिंग*?

    बिलासपुर – आज से दिपावली का त्यौहार शुरू हो गया है त्यौहार से लगभग 1 हफ्ते पहले से ही बाजारों में जमकर भीड़ देखने को मिली जहां मिठाइयों से लेकर स्नेक्स तक के बड़े-बड़े संस्थान अपनी खाद्य सामग्रियों को बेचते दिखाई दिए.. दीपावली त्योहार की तैयारी खाद्य संस्थानों द्वारा काफी पहले से ही शुरू कर दी गई थी इतना ही नहीं मौके पर मिठाइयों की कमी न पड़े इसके लिए संस्थानों द्वारा जमकर मिठाइयां बनाई गई थी और बेची भी गई.. लेकिन इस दौरान शहर भर के खाद्य विक्रय संस्थानों में घरेलू गैस सिलेंडर का प्रयोग जमकर किया गया.. मिठाइयां और स्नैक्स की तैयारी के लिए खाद्य विक्रय संस्थानों द्वारा गैस एजेंसियों से ब्लैक में जमकर घरेलू गैस सिलेंडर खरीदा गया, जिसके बाद सभी दुकानों के सामने घरेलू गैस सिलेंडर से खाद्य सामग्री बनाई गई.. लेकिन खाद्य विभाग द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर के उपयोग पर किसी संस्थान पर कार्रवाई नहीं की गई, यहां यह भी बताना जरूरी है कि.. खाद्य विभाग में न तो अमले की कमी है और न ही बिना किसी प्रकार का प्रभारी खाद्य अधिकारी द्वारा आदेश दिया गया था, इसलिए कार्यक्षेत्र में अधिकार होते हुए भी सारे निरीक्षक और सहायक खाद्य अधिकारी हाथ बांधे नियमों का तमाशा बनते देखते रहे.. विभागीय सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारी ने पहले ही निरीक्षको और सहायक खाद्य अधिकारियों की मीटिंग के दौरान यह साफ कर दिया था कि.. घरेलू गैस सिलेंडर को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी ताकि किसी का फोन त्यौहार के समय न आएं.. खाद्य अधिकारी का प्रभार संभाल रहे प्रभारी खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा ने न तो किसी गैस एजेंसी पर कार्रवाई के आदेश दिए और न ही चौक चौराहों में धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर का प्रयोग करने वाले संस्थानों के खिलाफ कोई एक्शन लिया.. ऐसे में दो तरह के सवाल उठने लाजमी है कि.. क्या प्रभारी खाद्य अधिकारी को ऊपर से फोन आकर दबाव का डर था या फिर एजेंसी और से पहले ही व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी थी ?.. बहरहाल बात जो भी हो अब यह सवाल उठता है कि.. प्रभार मिलने के बाद राजेश शर्मा घरेलू गैस सिलेंडर के दुरुपयोग पर संस्थानों पर कार्रवाई की बात तो करते हैं लेकिन कार्रवाई करने की हिम्मत कभी नहीं दिखाते.. ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि.. प्रभारी खाद्य अधिकारी को हटाकर नियमित अधिकारी को बिलासपुर में पदस्थ किया जाए, ताकि जिले में ब्लैक में संस्थानों में चल घरेलू गैस का उपयोग बंद हो सके..

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    बिलासपुर - आज से दिपावली का त्यौहार शुरू हो गया है त्यौहार से लगभग 1 हफ्ते पहले से ही बाजारों में जमकर भीड़ देखने को मिली जहां मिठाइयों से लेकर स्नेक्स तक के बड़े-बड़े संस्थान अपनी खाद्य सामग्रियों को बेचते दिखाई दिए.. दीपावली त्योहार की तैयारी खाद्य संस्थानों द्वारा काफी पहले से ही शुरू कर दी गई थी इतना ही नहीं मौके पर मिठाइयों की कमी न पड़े इसके लिए संस्थानों द्वारा जमकर मिठाइयां बनाई गई थी और बेची भी गई.. लेकिन इस दौरान शहर भर के खाद्य विक्रय संस्थानों में घरेलू गैस सिलेंडर का प्रयोग जमकर किया गया.. मिठाइयां और स्नैक्स की तैयारी के लिए खाद्य विक्रय संस्थानों द्वारा गैस एजेंसियों से ब्लैक में जमकर घरेलू गैस सिलेंडर खरीदा गया, जिसके बाद सभी दुकानों के सामने घरेलू गैस सिलेंडर से खाद्य सामग्री बनाई गई.. लेकिन खाद्य विभाग द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर के उपयोग पर किसी संस्थान पर कार्रवाई नहीं की गई, यहां यह भी बताना जरूरी है कि.. खाद्य विभाग में न तो अमले की कमी है और न ही बिना किसी प्रकार का प्रभारी खाद्य अधिकारी द्वारा आदेश दिया गया था, इसलिए कार्यक्षेत्र में अधिकार होते हुए भी सारे निरीक्षक और सहायक खाद्य अधिकारी हाथ बांधे नियमों का तमाशा बनते देखते रहे.. विभागीय सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारी ने पहले ही निरीक्षको और सहायक खाद्य अधिकारियों की मीटिंग के दौरान यह साफ कर दिया था कि.. घरेलू गैस सिलेंडर को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी ताकि किसी का फोन त्यौहार के समय न आएं.. खाद्य अधिकारी का प्रभार संभाल रहे प्रभारी खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा ने न तो किसी गैस एजेंसी पर कार्रवाई के आदेश दिए और न ही चौक चौराहों में धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडर का प्रयोग करने वाले संस्थानों के खिलाफ कोई एक्शन लिया.. ऐसे में दो तरह के सवाल उठने लाजमी है कि.. क्या प्रभारी खाद्य अधिकारी को ऊपर से फोन आकर दबाव का डर था या फिर एजेंसी और से पहले ही व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी थी ?.. बहरहाल बात जो भी हो अब यह सवाल उठता है कि.. प्रभार मिलने के बाद राजेश शर्मा घरेलू गैस सिलेंडर के दुरुपयोग पर संस्थानों पर कार्रवाई की बात तो करते हैं लेकिन कार्रवाई करने की हिम्मत कभी नहीं दिखाते.. ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि.. प्रभारी खाद्य अधिकारी को हटाकर नियमित अधिकारी को बिलासपुर में पदस्थ किया जाए, ताकि जिले में ब्लैक में संस्थानों में चल घरेलू गैस का उपयोग बंद हो सके..