बिलासपुर पुलिस का ‘प्रहार’: मस्तूरी शूटआउट षड्यंत्र के दो और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 9 पहुंचे सलाखों के पीछे

बिलासपुर, 01 नवंबर 2025।
मस्तूरी जनपद कार्यालय के सामने हुई गोलीकांड की गुत्थी को सुलझाने में बिलासपुर पुलिस ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। विवेचना के दौरान षड्यंत्र में शामिल दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह अब तक इस सनसनीखेज शूटआउट प्रकरण में कुल 09 आरोपी पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में गठित टीमों ने घटना के 24 घंटे के भीतर ही मुख्य आरोपियों को पकड़ा था। अब विवेचना के दौरान देवेश सुमन उर्फ निक्कु सुमन (24 वर्ष) निवासी मोहतरा मस्तूरी और अकबर खान (53 वर्ष) निवासी शिव विहार मोपका सरकंडा को गिरफ्तार किया गया है।
घटना की पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार, घटना के पीछे आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई प्रमुख कारण रहा। मस्तूरी निवासी नितेश सिंह और मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत के बीच भूमि विवाद और राजनीतिक प्रभाव को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था। इसी रंजिश में विश्वजीत और उसके साथियों ने नितेश सिंह एवं उसके साथियों को जान से मारने की नीयत से षड्यंत्र रचा।
28 अक्टूबर की शाम आरोपी दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर जनपद पंचायत कार्यालय के सामने पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। फायरिंग में राजू सिंह और चंद्रभान सिंह गोली लगने से घायल हुए, जिन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस की सक्रियता और सटीक जांच
घटना के तुरंत बाद बिलासपुर पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और घटनास्थल से लेकर शहर के विभिन्न स्थानों तक कड़ियां जोड़ते हुए सभी आरोपियों की पहचान की।
पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों अरमान उर्फ बलमजीत अनंत और चाहत उर्फ विक्रमजीत की निशानदेही पर पुलिस ने एक देशी पिस्टल, एक कट्टा और एक जिंदा कारतूस बरामद किया।
अब तक पुलिस ने कुल 03 देशी पिस्टल, 02 देशी कट्टे, 06 मैगजीन, 05 जिंदा कारतूस, 13 खाली खोखे और 05 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
अब तक गिरफ्तार आरोपी
1. विश्वजीत अनंत
2. अरमान उर्फ बलमजीत अनंत
3. चाहत उर्फ विक्रमजीत
4. मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस
5. मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू
6. ब्रायनजीत उर्फ आरजू
7. एक विधि से संघर्षरत किशोर
8. देवेश सुमन उर्फ निक्कु सुमन
9. अकबर खान
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि कई आरोपी पहले से ही गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं।
प्रकरण में अब धारा 111 बी.एन.एस. (संगठित अपराध) जोड़ी गई है। पुलिस अन्य षड्यंत्रकारियों की तलाश में लगातार जुटी हुई है और शीघ्र ही उन्हें भी गिरफ्तार करने की तैयारी में है।
बिलासपुर पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि संगठित अपराध और आपराधिक वर्चस्व के खिलाफ पुलिस का “प्रहार” लगातार जारी रहेगा।
