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    * हो जाइये सावधान…….KYC अपडेट के नाम पर 26 लाख की ठगी, साइबर टीम ने उड़ीसा से तीन अंतरराज्यीय आरोपी को धरा पढ़े पूरी खबर*

    KYC अपडेट के नाम पर 26 लाख की ठगी, साइबर टीम ने उड़ीसा से तीन अंतरराज्यीय आरोपी पकड़े

     

    बिलासपुर।

    साइबर ठगों के खिलाफ बिलासपुर रेंज की साइबर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। केवाईसी अपडेट के नाम पर 26 लाख 74 हजार 701 रुपये की धोखाधड़ी करने वाले तीन अंतरराज्यीय ठगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को उड़ीसा के नक्सल प्रभावित इलाकों से पकड़ा गया।

     

    पूरा मामला थाना सकरी क्षेत्र का है, जहां एक शिकायतकर्ता जॉनसन एक्का से कथित बैंक अधिकारी बनकर फोन पर संपर्क किया गया। उसे KYC अपडेट करने का झांसा देकर बैंकिंग जानकारी व OTP हासिल किया गया और फिर उसके बैंक खाते से फर्जी तरीके से लोन लेकर करीब 26.74 लाख रुपये की ठगी की गई।

     

    इस मामले में थाना सकरी में अपराध क्रमांक 936/2024 दर्ज किया गया था, जिसकी विवेचना बाद में साइबर रेंज थाना बिलासपुर को सौंपी गई।

     

    जांच के दौरान साइबर टीम ने संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जानकारी एकत्र कर विश्लेषण किया। ठगी में जिन बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था, उनकी जानकारी और लेन-देन का ब्योरा खंगाला गया। साइबर क्राइम पोर्टल पर की गई रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर टीम को पता चला कि आरोपी उड़ीसा के रहने वाले हैं।

     

    विशेष टीम को उड़ीसा रवाना किया गया, जहां स्थानीय पुलिस की मदद से नक्सल प्रभावित इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाकर तीनों आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने मिलकर ऑनलाइन बैंकिंग जानकारी लेकर अलग-अलग प्रकार के लोन पास कराए और ठगी की रकम को अपने खातों में ट्रांसफर कर उपयोग किया।

     

    गिरफ्तार आरोपियों के नाम:

     

    1. कृष्णा लूहा (42 वर्ष), निवासी दीपापल्ली, थाना उलूंडा, जिला सोनपुर, उड़ीसा

     

     

    2. गुलेख कुम्हार (40 वर्ष), निवासी दीपापल्ली, थाना उलूंडा, जिला सोनपुर, उड़ीसा

     

     

    3. पंकज कुमार खैतान (44 वर्ष), निवासी विवेकानंदपल्ली रेलवे कॉलोनी, राउरकेला, जिला सुंदरगढ़, उड़ीसा

     

     

     

    तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2), 317(5), 318(4), 111(4), 323 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाया गया और न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

     

    जांच टीम का योगदान:

    इस सफलता में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, सहायक उप निरीक्षक सुरेश पाठक, आरक्षक चिरंजीव कुमार व विजेंद्र मरकाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

     

     

     

     

    साइबर पुलिस की अपील – रहें सतर्क, रहें सुरक्षित

     

    अपने बैंक खाता और सिम कार्ड किसी अन्य को न दें।

     

    अज्ञात कॉल्स और संदेशों में बैंकिंग या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

     

    कोई भी व्यक्ति खुद को कस्टम, पुलिस या CBI अधिकारी बताकर डराने की कोशिश करे तो सतर्क रहें।

     

    सोशल मीडिया पर अज्ञात प्रोफाइल से वीडियो कॉल या अश्लील चैट से बचें।

     

    व्हाट्सएप या अनजान एप्स के जरिये शेयर मार्केट में निवेश, डबल मनी, या परीक्षा में पास कराने जैसे झांसे में न आएं।

     

    साइबर ठगी की घटना होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

     

     

     

     

     

     

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    KYC अपडेट के नाम पर 26 लाख की ठगी, साइबर टीम ने उड़ीसा से तीन अंतरराज्यीय आरोपी पकड़े   बिलासपुर। साइबर ठगों के खिलाफ बिलासपुर रेंज की साइबर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। केवाईसी अपडेट के नाम पर 26 लाख 74 हजार 701 रुपये की धोखाधड़ी करने वाले तीन अंतरराज्यीय ठगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को उड़ीसा के नक्सल प्रभावित इलाकों से पकड़ा गया।   पूरा मामला थाना सकरी क्षेत्र का है, जहां एक शिकायतकर्ता जॉनसन एक्का से कथित बैंक अधिकारी बनकर फोन पर संपर्क किया गया। उसे KYC अपडेट करने का झांसा देकर बैंकिंग जानकारी व OTP हासिल किया गया और फिर उसके बैंक खाते से फर्जी तरीके से लोन लेकर करीब 26.74 लाख रुपये की ठगी की गई।   इस मामले में थाना सकरी में अपराध क्रमांक 936/2024 दर्ज किया गया था, जिसकी विवेचना बाद में साइबर रेंज थाना बिलासपुर को सौंपी गई।   जांच के दौरान साइबर टीम ने संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जानकारी एकत्र कर विश्लेषण किया। ठगी में जिन बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था, उनकी जानकारी और लेन-देन का ब्योरा खंगाला गया। साइबर क्राइम पोर्टल पर की गई रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर टीम को पता चला कि आरोपी उड़ीसा के रहने वाले हैं।   विशेष टीम को उड़ीसा रवाना किया गया, जहां स्थानीय पुलिस की मदद से नक्सल प्रभावित इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाकर तीनों आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने मिलकर ऑनलाइन बैंकिंग जानकारी लेकर अलग-अलग प्रकार के लोन पास कराए और ठगी की रकम को अपने खातों में ट्रांसफर कर उपयोग किया।   गिरफ्तार आरोपियों के नाम:   1. कृष्णा लूहा (42 वर्ष), निवासी दीपापल्ली, थाना उलूंडा, जिला सोनपुर, उड़ीसा     2. गुलेख कुम्हार (40 वर्ष), निवासी दीपापल्ली, थाना उलूंडा, जिला सोनपुर, उड़ीसा     3. पंकज कुमार खैतान (44 वर्ष), निवासी विवेकानंदपल्ली रेलवे कॉलोनी, राउरकेला, जिला सुंदरगढ़, उड़ीसा       तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2), 317(5), 318(4), 111(4), 323 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाया गया और न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।   जांच टीम का योगदान: इस सफलता में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, सहायक उप निरीक्षक सुरेश पाठक, आरक्षक चिरंजीव कुमार व विजेंद्र मरकाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।         साइबर पुलिस की अपील – रहें सतर्क, रहें सुरक्षित   अपने बैंक खाता और सिम कार्ड किसी अन्य को न दें।   अज्ञात कॉल्स और संदेशों में बैंकिंग या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।   कोई भी व्यक्ति खुद को कस्टम, पुलिस या CBI अधिकारी बताकर डराने की कोशिश करे तो सतर्क रहें।   सोशल मीडिया पर अज्ञात प्रोफाइल से वीडियो कॉल या अश्लील चैट से बचें।   व्हाट्सएप या अनजान एप्स के जरिये शेयर मार्केट में निवेश, डबल मनी, या परीक्षा में पास कराने जैसे झांसे में न आएं।   साइबर ठगी की घटना होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।