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    *तकनीक और टीमवर्क का कमाल: बिलासपुर पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाकर चार हत्यारों को चंद दिनों में धरदबोचा*

    तकनीक और टीमवर्क का कमाल: बिलासपुर पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाकर चार हत्यारों को चंद दिनों में धरदबोचा

    बिलासपुर, 24 जुलाई 2025 | 

    बिलासपुर जिले की चकरभाठा थाना पुलिस और साइबर सेल (ACCU) ने एक अज्ञात शव की पहचान कर चौंकाने वाले पारिवारिक षड्यंत्र का खुलासा किया है। घटना को अंजाम देने के बाद चेहरा बिगाड़कर शव को पहचान से परे करने की साजिश रचने वाले चार आरोपियों को बिलासपुर पुलिस ने महज कुछ ही दिनों में गिरफ्तार कर न्याय के कठघरे में ला खड़ा किया।

    इस सनसनीखेज हत्याकांड को सुलझाने में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में पुलिस की तकनीकी दक्षता और समर्पित टीम वर्क की झलक साफ दिखाई दी।

     कैसे सुलझी ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी?

     

    17 जुलाई 2025 को चकरभाठा थाना क्षेत्र के हिर्री माइन्स इलाके में एक अज्ञात युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। शव पर गंभीर चोट के निशान थे और चेहरा बुरी तरह कुचला हुआ था, जिससे पहचान संभव नहीं थी।

     

    शुरुआती जांच में जब कोई सुराग नहीं मिला, तब एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने तत्काल हत्या का मामला दर्ज कर विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए। इसके बाद एसीसीयू और चकरभाठा थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने क्षेत्र के 100 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले, मोबाइल लोकेशन ट्रैक की और तकनीकी इनपुट के जरिए कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मृतक की पहचान साहिल कुमार पाटले (उम्र 24 वर्ष) के रूप में की।

    हत्या का चौंकाने वाला सच: पत्नी, सास और रिश्तेदार ही निकले कातिल

    जांच में सामने आया कि साहिल ने वर्षा खुंटे से प्रेम विवाह किया था। परिजनों के अनुसार, साहिल शराब का आदी था और नशे में पत्नी के साथ मारपीट करता था। वर्षा ने यह बात अपनी मां सरोजनी खुंटे को बताई, जिसके बाद मां-बेटी ने मिलकर साहिल की हत्या की साजिश रची।

    योजना के मुताबिक सरोजनी ने अपने रिश्तेदार राजाबाबू खुंटे और उसके दोस्त विकास आदिले को एक लाख रुपये की सुपारी दी। एडवांस में 8 हजार रुपये भी दिए गए थे।

    घटना वाले दिन दोनों युवक साहिल को बाइक से हिर्री माइन्स ले गए, जहां शराब पिलाने के बाद पत्थरों से सिर कुचलकर हत्या कर दी। पहचान छिपाने के लिए चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर शव को वहीं छोड़कर फरार हो गए।

    गिरफ्तार आरोपी:

    1. सरोजनी खुंटे, उम्र 38, ग्राम कुरमा

    2. वर्षा खुंटे, उम्र 20, मृतक की पत्नी

    3. राजाबाबू खुंटे, उम्र 24, रिश्तेदार

    4. विकास आदिले, उम्र 19, दोस्त

    बरामद सामग्री:

    बजाज पल्सर मोटर सायकल (CG 11 BJ 1748)

    घटना में प्रयुक्त पत्थर

    चार मोबाइल फोन

     पुलिस की बेमिसाल टीमवर्क की सराहना

     

    इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाने वाली टीम में शामिल रहे:

    अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राजेन्द्र जायसवाल, एएसपी ग्रामीण एवं एसीसीयू प्रभारी श्री अनुज कुमार, डीएसपी रशमीत कौर चावला, निरीक्षक उत्तम साहू, सायबर सेल प्रभारी अजरउद्दीन, सहित दर्जनों पुलिस कर्मियों ने अथक प्रयास कर पूरे जिले में कानून व्यवस्था की मिसाल पेश की।

     

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने टीम की उत्कृष्ट कार्यशैली की सराहना करते हुए समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरस्कार की घोषणा की है।

     

     न्याय की जीत, अपराधियों को करारा जवाब

     

    बिलासपुर पुलिस की यह कार्यवाही दर्शाती है कि कोई भी अपराध पुलिस की निगरानी से बच नहीं सकता, चाहे अपराध कितना भी सुनियोजित और चेहरा कितना भी छुपाया गया हो। टेक्नोलॉजी के समुचित उपयोग और सतर्कता से पुलिस ने एक अज्ञात शव को न केवल नाम दिया बल्कि पूरे समाज के लिए एक कड़ा संदेश भी दिया कि अपराध का अंत सिर्फ अंधकार नहीं, न्याय भी है।

     

     

     

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    तकनीक और टीमवर्क का कमाल: बिलासपुर पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाकर चार हत्यारों को चंद दिनों में धरदबोचा बिलासपुर, 24 जुलाई 2025 |  बिलासपुर जिले की चकरभाठा थाना पुलिस और साइबर सेल (ACCU) ने एक अज्ञात शव की पहचान कर चौंकाने वाले पारिवारिक षड्यंत्र का खुलासा किया है। घटना को अंजाम देने के बाद चेहरा बिगाड़कर शव को पहचान से परे करने की साजिश रचने वाले चार आरोपियों को बिलासपुर पुलिस ने महज कुछ ही दिनों में गिरफ्तार कर न्याय के कठघरे में ला खड़ा किया। इस सनसनीखेज हत्याकांड को सुलझाने में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में पुलिस की तकनीकी दक्षता और समर्पित टीम वर्क की झलक साफ दिखाई दी।  कैसे सुलझी ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी?   17 जुलाई 2025 को चकरभाठा थाना क्षेत्र के हिर्री माइन्स इलाके में एक अज्ञात युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। शव पर गंभीर चोट के निशान थे और चेहरा बुरी तरह कुचला हुआ था, जिससे पहचान संभव नहीं थी।   शुरुआती जांच में जब कोई सुराग नहीं मिला, तब एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने तत्काल हत्या का मामला दर्ज कर विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए। इसके बाद एसीसीयू और चकरभाठा थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने क्षेत्र के 100 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले, मोबाइल लोकेशन ट्रैक की और तकनीकी इनपुट के जरिए कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मृतक की पहचान साहिल कुमार पाटले (उम्र 24 वर्ष) के रूप में की। हत्या का चौंकाने वाला सच: पत्नी, सास और रिश्तेदार ही निकले कातिल जांच में सामने आया कि साहिल ने वर्षा खुंटे से प्रेम विवाह किया था। परिजनों के अनुसार, साहिल शराब का आदी था और नशे में पत्नी के साथ मारपीट करता था। वर्षा ने यह बात अपनी मां सरोजनी खुंटे को बताई, जिसके बाद मां-बेटी ने मिलकर साहिल की हत्या की साजिश रची। योजना के मुताबिक सरोजनी ने अपने रिश्तेदार राजाबाबू खुंटे और उसके दोस्त विकास आदिले को एक लाख रुपये की सुपारी दी। एडवांस में 8 हजार रुपये भी दिए गए थे। घटना वाले दिन दोनों युवक साहिल को बाइक से हिर्री माइन्स ले गए, जहां शराब पिलाने के बाद पत्थरों से सिर कुचलकर हत्या कर दी। पहचान छिपाने के लिए चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर शव को वहीं छोड़कर फरार हो गए। गिरफ्तार आरोपी: 1. सरोजनी खुंटे, उम्र 38, ग्राम कुरमा 2. वर्षा खुंटे, उम्र 20, मृतक की पत्नी 3. राजाबाबू खुंटे, उम्र 24, रिश्तेदार 4. विकास आदिले, उम्र 19, दोस्त बरामद सामग्री: बजाज पल्सर मोटर सायकल (CG 11 BJ 1748) घटना में प्रयुक्त पत्थर चार मोबाइल फोन  पुलिस की बेमिसाल टीमवर्क की सराहना   इस जघन्य हत्या की गुत्थी सुलझाने वाली टीम में शामिल रहे: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राजेन्द्र जायसवाल, एएसपी ग्रामीण एवं एसीसीयू प्रभारी श्री अनुज कुमार, डीएसपी रशमीत कौर चावला, निरीक्षक उत्तम साहू, सायबर सेल प्रभारी अजरउद्दीन, सहित दर्जनों पुलिस कर्मियों ने अथक प्रयास कर पूरे जिले में कानून व्यवस्था की मिसाल पेश की।   वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने टीम की उत्कृष्ट कार्यशैली की सराहना करते हुए समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरस्कार की घोषणा की है।    न्याय की जीत, अपराधियों को करारा जवाब   बिलासपुर पुलिस की यह कार्यवाही दर्शाती है कि कोई भी अपराध पुलिस की निगरानी से बच नहीं सकता, चाहे अपराध कितना भी सुनियोजित और चेहरा कितना भी छुपाया गया हो। टेक्नोलॉजी के समुचित उपयोग और सतर्कता से पुलिस ने एक अज्ञात शव को न केवल नाम दिया बल्कि पूरे समाज के लिए एक कड़ा संदेश भी दिया कि अपराध का अंत सिर्फ अंधकार नहीं, न्याय भी है।