ज़मीन विवाद बना खूनी रंजिश का कारण, बुजुर्ग महिला की हत्या का 24 घंटे में खुलासा – बिलासपुर पुलिस की तेज़ी से आरोपी सलाखों के पीछे

बिलासपुर/कोटा। ग्राम खुरदुर में बुजुर्ग महिला की निर्मम हत्या के मामले में बिलासपुर पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर पूरी घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि मृतका की बहन के बेटे ने ज़मीन बंटवारे को लेकर की थी। पुलिस की सूझबूझ, सतर्कता और वैज्ञानिक विवेचना ने यह साबित कर दिया कि अपराध कितना भी जटिल क्यों न हो, अपराधी पुलिस की निगाहों से नहीं बच सकता।
घटना का विवरण
दिनांक 18 जून 2025 को थाना कोटा को सूचना मिली कि ग्राम खुरदुर के होल्हे मैदान में एक बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी गई है। पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि 60 वर्षीय कुंवारियां बाई बघेल के सिर और गले पर धारदार हथियार से हमला कर निर्मम हत्या की गई है। हत्या के तरीके ने पूरे गांव को दहला दिया।
इस जघन्य अपराध की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) ने मामले को अति गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अर्चना झा, SDOP कोटा नूपुर उपाध्याय, थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग एवं पुलिस टीम, एफएसएल व डॉग स्क्वॉड के साथ घटनास्थल पर पहुंची और हर एंगल से जांच शुरू की।
विवेचना में निकला पारिवारिक विवाद
जांच में पता चला कि मृतका कुंवारियां बाई बघेल अकेले रहती थीं, उनके पति और संतान नहीं थे। उनके नाम पर लगभग चार एकड़ कृषि भूमि थी। उनकी बहन का बेटा सौखी नवरंग, जो पास ही में रहता था, जमीन बंटवारे को लेकर लंबे समय से नाराज था। इसी रंजिश के चलते आरोपी ने मौका पाकर हत्या को अंजाम दिया।
पुलिस द्वारा की गई बारीकी से पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सौखी नवरंग (35 वर्ष) को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया कि उसने ही अपनी बड़ी मां (मौसी) की टांगी से हत्या की थी, क्योंकि उन्हें नाना की जमीन में हिस्सा नहीं दिया गया।
पुलिस की तेज़ कार्यवाही से मिला न्याय
इस मामले में अपराध क्रमांक 593/25, धारा 103(1) बी.एन.एस. के तहत प्रकरण दर्ज किया गया और आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
जिन्होंने निभाई अहम भूमिका
इस केस की विवेचना में थाना प्रभारी निरीक्षक तोप सिंह नवरंग, ASI ओंकार प्रसाद बंजारे, प्रधान आरक्षक घनश्याम आडिल, आरक्षक भोप साहू, जलेश्वर साहू, सोमेश्वर साहू और अजय सोनी की सजगता, सूझबूझ और मेहनत से 24 घंटे के भीतर मामला सुलझाया गया।
पुलिस की तत्परता से मिला परिवार को न्याय
बिलासपुर पुलिस की इस तेज़ और सटीक कार्रवाई से न केवल पीड़ित परिवार को न्याय मिला, बल्कि समाज में यह संदेश भी गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों को जल्द पकड़ने में पूरी तरह सक्षम है। ग्रामीणों ने भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है।
